Monday 5 March 2018

हिंसा के वीडियो दिखाकर ‘बाल आतंकियों की फौज’ तैयार कर रहा था मदरसा का शिक्षक


हिंसा के वीडियो दिखाकर ‘बाल आतंकियों की फौज’ तैयार कर रहा था मदरसा का शिक्षक

लंदन के २५ वर्षीय उमर अहमद हक को शुक्रवार (२ फरवरी) को न्यायालय ने ‘बाल आतंकियों की फौज’ खडी करने के प्रयासों का दोषी पाया । समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार, उमर हक लंदन में कई आतंकी हमले करना चाहता था । उसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का समर्थक बताया जा रहा है । उमर हक मदरसे में पढने वाले बच्चों को हिंसा के वीडियो दिखाकर उन्हें बाल आतंकी बनाने का प्रयास कर रहा था । वह बच्चों को पुलिस पर हमला करने का भी प्रशिक्षण दे रहा था ।
आतंकवाद मामलों के महानगरीय पुलिस प्रमुख डीन हेडन ने बताया, ‘उसकी योजना बाल आतंकियों की फौज तैयार कर लंदन भर में कई आतंकी हमले करने की थी । उसने प्रयास किया, हमें लगता है कि कट्टरपंथ की चपेट में ११ से १४ साल के बच्चे होंगे ।’ पुलिस ने बताया कि किसी प्रकार की योग्यता नहीं रखने वाले उमर हक को व्यवस्थापक के तौर पर नौकरी पर रखा गया था ।
वह पढाई की आड में एक छोटे से निजी इस्लामी स्कूल और पूर्वी लंदन की रिपल रोड मस्जिद से जुडे एक मदरसे के ११० बच्चों को इस्लामिक शिक्षा देकर आतंकी बना रहा था । उन बच्चों में से ३५ अब सामाजिक सेवाओं और अन्य अधिकारियों से जुडे लंबे समय वाले सुरक्षा उपायों से गुजर रहे हैं । उनमें से ६ ने उमर हक के विरुद्ध ऐसे साक्ष्य मुहैया कराए जिनमें  बताया गया था कि लडाई करना अच्छा है और ताकत बढाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए । अभियोजन पक्ष ने बताया कि उमर हक का उद्देश लंदन के बिग बेन टॉवर, महारानी की सुरक्षा में लगे सैनिकों, एक बडे शॉपिंग सेंटर, बैंकों और मीडिया स्टेशनों पर हमला करने का था ।
उमर हक पिछले वर्ष मार्च में हुए लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर हए आतंकी हमले से प्रेरित था, जिसमें खालिद मसूद नाम के आतंकी ने संसद के इलाके में एक पुलिस अधिकारी को चाकू से मारने के बाद किराये पर कार लेकर चार यात्रियों को कुचलकर मार डाला था । उसने मदरसे में पढाने वाले १९ वर्षीय शख्स अबू ताहेर मैमून से बंदूकों और बारूद से भरी कारों से उसी तरह के हमले करने की बात की थी । उसने बच्चों को मसूद की तरह हमले करने के लिए कहा था और अपने साथी को कहा था कि जनता का विनाश होना चाहिए ।
स्त्रोत : जनसत्ता

Thursday 1 March 2018

मदरसे में ७० साल के मौलवी ने किया ९ साल की मासूम का बलात्कार




नई देहली : नरेला क्षेत्र में एक ९ वर्ष की बच्ची से मदरसे के अंदर बलात्कार का मामला सामने आया है । आरोप मदरसे के ७० वर्षीय मौलवी पर है । पेट में दर्द और प्राइवेट पार्ट से खून बहने से परिजनों को इस बात का पता चला । पूछने पर बच्ची ने रोते बिलखते पूरी आपबीती बताई । परिजन तुरंत ही बच्ची को नजदीकी निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसकी हालत देख आंबेडकर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया । इस बीच लोकल पुलिस पहुंच गई । मेडिकल रिपोर्ट व बच्ची के बयान पर बलात्कार, पॉक्सो व अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया । आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।
पुलिस अफसरों ने घटना की पुष्टि की है । आरोपी की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी ७० वर्षीय मोहम्मद जफीर आलम के रूप में हुई है । वह नरेला थाना क्षेत्र स्थित बवाना जेजे कॉलोनी के ई-ब्लॉक में अपने बेटे के साथ रहता है, जिसने झुग्गीनुमा मदरसा बनाया हुआ है । मदरसे में वह छोटे बच्चों को तालीम देता है । ९ साल की बच्ची भी परिवार के साथ बवाना जेजे कॉलोनी में रहती है । पिता फैक्ट्री में काम करते हैं । वह आसपास के बच्चों के साथ इसी मदरसे में पढने जाती है । घटना शनिवार शाम की है । पुलिस सूत्रों का कहना है कि बच्ची आरोपी मौलवी के पास पढने गई थी । पीडित बच्ची उसे दादा कहती है । शाम को लगभग ७ बजे जब सभी बच्चे चले गए, तो आरोपी ने उसे बहाने से रोक लिया ।
आरोप है कि अंदर से दरवाजा बंद करके बच्ची को ५ का सिक्का दिया । उसके बाद आरोपी मौलवी ने डरा-धमकाकर मासूम के साथ बलात्कार किया । घटना के बाद पीडिता जब घर जाने लगी, तो आरोपी ने उसे घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी । घर आने के बाद डर के मारे मासूम बच्ची ने घटना के बारे में नहीं बताया और दो दिन तक गुमसुम रही । सोमवार रात बच्ची की तबियत खराब हुई, दर्द से कराहने लगी । परिवार वालों ने देखा तो उसके निजी अंगों से ब्लीडिंग हो रही थी । परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने जानकारी दी कि उसके साथ बलात्कार हुआ है । उसके बाद बच्ची ने आपबीती बताई । परिजनों ने घटना की शिकायत पुलिस से की । पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज कर आरोपी को मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया ।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स